आत्महत्या को अपना रास्ता चुनने वाला व्यक्ति हर पल मौत और जिंदगी के बारे में सोचता रहता है। उसकी मनोदशा रोज जीवन और मृत्यु की दुविधा में झूलती रहती है।
आए दिन
हम सभी ऐसी खबरें पढ़ते-देखते रहते हैं जिसमें आत्महत्या के कई मामले आते है जैसे किसी
परेशानी से तंग होकर परिवार के किसी सदस्य ने आतमहत्या की या फिर पूरे ही परिवार
के सदस्यों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली या इसका प्रयास किया। भारत में आत्महत्या के मामले में कोई भी वर्ग पीछे नही है। अमीर हो या गरीब,
विद्यार्थी हो या भूखे पेट सोने वाला बच्चा और बॉलीवुड का चमकता सितारा या फिर एक
सामान्य सी जिंदगी जीने वाला व्यक्ति।
आत्महत्या करने के कारण
आत्महत्या करने के मुख्य कारण सामाजिक, आर्थिक व मेडिकल होते है - सामाजिक कारणों में सबसे अहम रिलेशनशिप है जिसमें अफेयर, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और शादीशुदा जिंदगी से संबंधित वजहें होती हैं। इसके अलावा, परिवार, मित्रों या फिर जान पहचान वालों के साथ आने वाली दिक्कतों के चलते भी लोग यह कदम उठाते हैं। - आर्थिक कारणों में बिजनेस का डूबना, नौकरी छूटना, आय का साधन न होना, कर्ज होना जैसी चीजें शामिल हैं। - मेडिकल कारणों में लाइलाज शारीरिक व मानसिक बीमारी, गहरा डिप्रेशन और बुढ़ापा जैसी कई सारी वजहें होती हैं।
समाधान
आत्महत्या
को अपना रास्ता चुनने वाला व्यक्ति हर पल मौत और जिंदगी के बारे में सोचता रहता
है। उसकी मनोदशा रोज जीवन और मृत्यु की दुविधा में झूलती रहती है। वह दिल से तो
जीना चाहता है, लेकिन उसे अपनी
तकलीफों का अंत और समाधान सिर्फ आत्महत्या को अपनाने में ही दिखता है। इस कारण वह
गलत निर्णय लेता है और नई तकलीफों को अंजाम देता है । ऐसे में परिजन यदि उसकी
तकलीफों को पहले से ही समझ लें और उसकी सहायता करें तो व्यक्ति सहज रूप से जीवन
जीना स्वीकार कर लेता है। जब व्यक्ति असामान्य व हताश महसूस करे तो उसे तब तक
अकेला न छोड़ें, जब तक मनोचिकित्सक की सुविधा उपलब्ध न हो
जाए। आपका यह छोटा सा सहयोग एक जीवन को बचा सकता है। क्योंकि परेशानियों का समाधान
तो निकल सकता है लेकिन आत्महत्या का नहीं ।