Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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Essay on Computer Ke Labh In Hindi

 संकेत-बिंदु –

  • प्रस्तावना
  • कंप्यूटर की उपयोगिता
  • विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
  • उपसंहार
  • वर्तमान युग-कंप्यूटर युग
  • कंप्यूटर और इंटरनेट का मेल
  • प्रकाशन क्षेत्र में कंप्यूटर

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – विज्ञान की प्रगति ने मनुष्य की दुनिया बदलकर रख दी है। उसने मनुष्य को नाना प्रकार के सुविधा के साधन प्रदान किए हैं। उसकी कृपा से मनुष्य को ऐसे अत्याधुनिक उपकरण मिले हैं जिनकी कभी वह कल्पना किया करता था। ऐसे यंत्रों में टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, कैलकुलेटर, कंप्यूटर आदि हैं। इनमें कंप्यूटर ऐसा उपकरण है जिसने लगभग हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता साबित की है और अब तो सभी को ज़रूरत बनता जा रहा है।

वर्तमान युग (कंप्यूटर-युग) – वर्तमान युग को कंप्यूटर युग कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है। कार्यालयों में इस यंत्र का उपयोग जितना तेज़ी से बढ़ा और लोकप्रिय हुआ है, उतना अन्य कोई उपकरण नहीं। आज हम नज़र दौड़ाकर देखें तो जीवन के हर क्षेत्र में उसका हस्तक्षेप दिखाई देता है। इतना ही नहीं इंटरनेट के मेल ने कंप्यूटर को बहुपयोगी बना दिया है। सरकारी या प्राइवेट कोई भी कार्यालय ऐसा न होगा जहाँ पर इसका उपयोग न हो।

कंप्यूटर की उपयोगिता – कंप्यूटर अपनी कार्यप्रणाली और त्वरित गणना के कारण अत्यधिक उपयोगी बन गया है। यह जटिल-सेजटिल गणनाएँ सेकंड में कर देता है। इसके अलावा कंप्यूटर से मानवीय भूल की संभावना न के बराबर हो जाती है। ये गणनाएँ इतने कम समय में हो जाती हैं कि कई व्यक्ति भी मिलकर नहीं कर सकते हैं। आज कार्यालयों में कई व्यक्तियों का कार्य अकेला कंप्यूटर कर देता है। अब कार्यालयों में न फाइलें खोने का डर है और चूहों के कुतरने का। बैंक, रेलवे आरक्षण केंद्र, अस्पतालों में मरीजों का आरक्षण, तरह-तरह की डिजाइनें बनाने का काम तथा छपाई की दुनिया में क्रांति ला दिया है। खेल की दुनिया में तरहतरह के रिकॉर्ड पलक झपकते प्रस्तुत कर देना कंप्यूटर के बाएँ हाथ का काम है। कंप्यूटर के कारण अब काम का तनाव नहीं रह गया, क्योंकि अशुद्धियों की संभावना न के बराबर रह जाती है।

कंप्यूटर और इंटरनेट का मेल – कंप्यूटर के साथ इंटरनेट का मेल होने से कंप्यूटर की उपयोगिता कई गुना बढ़ गई है। अब कंप्यूटर के साथ बैठकर किसी भी तरह की जानकारी पलभर में पाई जाती है। कोई भी विषय हो, कंप्यूटर जवाब देने के लिए तैयार है। आपके बैंक की पासबुक कंप्यूटर पर उपलब्ध है। रेलवे की आरक्षण तालिका से अपनी मनपसंद के ट्रेन में सीटों की उपलब्धता जानी जा सकती है। आज इंटरनेट युक्त कंप्यूटर की मदद से अपने देश ही नहीं विदेश की जानकारी भी पाई जा सकती है।

विद्यार्थी के लिए उपयोगी – जिस तरह कंप्यूटर के कारण अब फाइलों की आवश्यकता नहीं रही और उनके स्टोर्स की ज़रूरत नहीं रही उसी प्रकार कंप्यूटर ने विद्यार्थियों का काम भी सुगम बना दिया है। अब छात्रों को मोटी-मोटी पुस्तकें उठाने, लाने-ले जाने की ज़रूरत नहीं रही। कई-कई पुस्तकें एक मेमोरी कार्ड में डालकर कंप्यूटर पर पढ़ी जा सकती हैं। अब छात्रों के लिए एक सुविधा यह भी है कि कंप्यूटर पर पढ़ा ही नहीं लिखा भी जा सकता है तथा किसी जगह की गलती को सुधारकर त्रुटिहीन प्रिंट निकाला जा सकता है। नक्शे, दुर्लभ चित्र और दुर्लभ पुस्तकें अब खरीदने की आवश्यकता नहीं रही। बस कंप्यूटर पर एक क्लिक करके इनका लाभ उठाया जा सकता है।

प्रकाशन क्षेत्र में कंप्यटर – कंप्यूटर ने प्रकाशन की दुनिया में क्रांति ला दी है। अब पुस्तकों की छपाई की गुणवत्ता, त्रुटिहीनता और उनके आकर्षण की वृद्धि का श्रेय कंप्यूटर को जाता है। इतना ही नहीं कंप्यूटर से यह काम अल्प समय में हो जाता है। इसके अलावा कंप्यूटर से छपाई के कारण पुस्तकों का मूल्य कम हुआ है जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिला है। कंप्यूटर उन जटिल चित्रों को सहजता से बनाकर प्रस्तुत कर देता है जिन्हें बनाना कठिन है।

उपसंहार – कंप्यूटर को विज्ञान का अद्भुत वरदान समझना चाहिए, जिसने कदम-कदम पर मनुष्य की मदद की है। ‘अति सर्वत्र वय॑ते’ का सिद्धांत कंप्यूटर पर भी लागू होता है। हमें कंप्यूटर का तभी उपयोग करना चाहिए जब आवश्यक हो तथा इसका दुरुपयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए ताकि यह वरदान अभिशाप न बनने पाए।