हिरोशिमा पर गिरे बम का नाम लिटिल बॉय और नागाशाकी पर गिरे बम का नाम फैट मैन था।
दि्वतीय विश्व के दौरान अमेरिका द्वारा किए गए जापान के दो मुख्य शहरों हिरोशिमा और नागाशाकी पर एटम बम के हमले को आज 76
वर्ष पूरे हो गए हैं। अमेरिकी वायु सेना ने 6
अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर और तीन दिन बाद नागाशाकी शहर पर एटम बम गिराए।
जिससे करीब 80,000 लोग पलभर में
राख हो गए, वही बाद के समय को मिलाकर करीब 1.40 लाख लोग मारे गए। इस हमले में करीब
80,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। हिरोशिमा पर
गिरे बम का नाम लिटिल बॉय और नागाशाकी पर गिरे बम का नाम फैट मैन था।
8.15 मिनट पर गिराया
गया लिटिल बॉय
लिटिल बॉय को 8.15 मिनट पर गिराया गया और उसे नीचे आने में 43 सेकेंड
लगे। यह अपने लक्ष्य अओई ब्रिज से 250 मीटर
दूर शीमा सर्जिकल क्लीनिक के ऊपर फटा। इसकी शक्ति 12500 टन
टीएनटी के बराबर थी और जब ये फटा तो तापमान अचानक दस लाख सेंटीग्रेड पहुंच गया
9 अगस्त को गिराया
फैटमैन बम
अमेरीका ने दूसरे बम फैटमैन को 9 अगस्त
को नागासाकी में दोपहर को बी-29 बमवर्षक से गिराया। इसको नीचे पहुंचने में
पूरे 43 सेकेंड लगे, बम गिरने के 1 किलोमीटर
के दायरे में मौजूद हर चीज़ धराशाई हो गई।
हमले का बदला लेने के लिए गिराया गया था बम
जानकारी के अनुसार उस वक्त करीब 30 फीसदी लोगों की तत्काल मौत हो गई थी। इसके बाद परमाणु की रेडिएशन के कारण भी
कई लोग तड़पते रहे। इस नरसंहार घटना के बारे में जानने के बाद हर किसी की रूह कांप
जाती है। जानकारी के मुताबिक अगर जापान ने दूसरे हमले के बाद भी सरेंडर नहीं किया
होता तब अमेरिका तीसरा हमला करने की तैयारी में था। हर साल 6
अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) मनाया जाता है।
अमेरिका ने यह बम जापानी नौसेना द्वारा 8 दिसंबर
1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए
गिराया। अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने अपनी घोषणा में इस बम को 20 हजार
टन की क्षमता का बताया था।