विदेशी नागरिकों को भी वैक्सीन लेने के पहले कोविन प्लेटफार्म पर पंजीकरण करना होगा।
भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों
के लिए एक अच्छी खबर है। आपको बता दें की अब वे भी भारत में वैक्सीन
लगवा सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को यह फैसला लिया गया। वैक्सीन लगाने के लिए विदेशी नागरिकों को
आधार नंबर की जगह अपने पासपोर्ट को पहचान पत्र के रूप में पेश करना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विदेशी नागरिकों को भी वैक्सीन
लेने के पहले कोविन प्लेटफार्म पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए उन्हें
पासपोर्ट नंबर देना होगा। इसके बाद उन्हें टीकाकरण केंद्र और समय मिल जाएगा।
विदेशी नागरिकों को वैक्सीन लगवाने का कारण
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक
रहते हैं और उनमें अधिकांशत: बड़े शहरों में केंद्रित हैं। बड़े शहरों में
जनसंख्या के अधिक घनत्व को देखते हुए संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका बनी रहती है, जैसा
कि पहली और दूसरी लहर में देखने को मिला। ऐसे में वैक्सीन नहीं लेने वाले लोग पर न
सिर्फ संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा, बल्कि आगे वे संक्रमण
फैलाने का काम भी कर सकते हैं।
कारगर हथियार सबको वैक्सीन
लगाना
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीसरी
लहर को रोकने का सबसे कारगर हथियार सबको वैक्सीन लगाना है और इसके लिए 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए
टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। जाहिर है विदेशी नागरिकों को वैक्सीन नहीं
लगने से तीसरी लहर का खतरा बढ़ने की आशंका है।
बूस्टर डोज पर कोई सिफारिश नहीं
वहीं सरकार ने राज्यसभा में
बताया कि सैन्य बलों के लगभग सभी कर्मियों को कोविड रोधी टीका लगाया जा चुका है।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि महामारी से
सेना के 42,950 कर्मचारी,
नौ सेना के 6808 और वायु सेना के 14,604 कर्मी संक्रमित हुए थे। सरकार का यह भी कहना है कि बूस्टर डोज के बारे
में ना तो राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह और ना ही डब्ल्यूएचओ की ओर से कोई सिफारिश की
गई है।