Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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स्वतंत्रता दिवस के बारे में हम क्या सोचते हैं,लेकिन क्या हम स्वतंत्र हैं?

 

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।इस साल इस दिन भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।आज के ही दिन 15 अगस्त 1947 को लगभग 200 साल के ब्रिटिश शासन को समाप्त करते हुए भारत को आजादी मिली।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुआ था और इसका नेतृत्व मोहनदास करमचंद गांधी ने किया था।भारतीय स्वतंत्रता विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया था और एक पखवाड़े के भीतर पारित हो गया था । इसने 15 अगस्त, 1947 को भारत में ब्रिटिश शासन के अंत का प्रावधान किया गया था। उसके बाद, भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद भारत एक स्वतंत्र देश बन गया।

हालांकि हम सभी जानते हैं कि अब तक हमारे पास स्वतंत्रता दिवस की कई यादें होंगी, स्कूल की बचपन की यादें।और खासकर स्वतंत्रता दिवस को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है क्योंकि उन्हें स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलता है. खासकर बच्चे भी इस दिन नाटक में भाग लेना पसंद करते हैं। कुछ शहीद भगत सिंह, कुछ झांसी की रानी और कुछ महात्मा गांधी की भूमिका निभाते हैं। हर किसी का अपना पसंदीदा चरित्र होता है।हालांकि पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना वायरस के चलते इस दिन को बड़े पैमाने पर या धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है, लेकिन फिर भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मनाया गया. अपने बच्चों और परिवार के साथ अपने घरों में आप सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं।और माता पिता को अपने बच्चो को आज के दिन का महत्त्व बताना चाहिए क्यूंकि माता पिता अपने बच्‍चों के प्रथम अध्‍यापक होते हैं और अगर आप ही उसे अपने देश से जुड़े इतने खास दिन के बारे में नहीं बताएंगे, तो फिर वो कैसे इस दिन के महत्‍व को समझकर एक जिम्‍मेदार नागरिक बन पाएगा।

कोरोना वायरस के कारण हमारे देश में कई लोगों ने अपनों को खोया है।लेकिन जब हमारे जवानों ने देश की खातिर हार नहीं मानी तो हम इस बीमारी से हार क्यों माने।हमें इस बीमारी का सामना पूरी सुरक्षा के साथ करना है, अपने प्रियजनों के साथ बिना किसी डर के खुशी-खुशीदेश की आजादी के वक्त हम हारे नहीं थे, तो अब भी इस कोरोना से नहीं हारेंगे, वो दिन वापस आएगा जब भारत कोरोना से मुक्त होगा और इस बार हमारी लड़ाई कोरोना से हैतो पूरी सुरक्षा के साथ हर चीज का ख्याल रखने से हम इस बीमारी से बचेंगे और खुद भी सुरक्षित रहेंगे और हम एक दिन कोरोना से मुक्त होंगे।हमारा देश 1947 में ही आजाद हो गया था, लेकिन आज भी युद्ध हर दिन जारी है।और यह युद्ध जरूरी नहीं है, यह हमारे बाहरी लोगों के साथ है, यह युद्ध हमारे प्रियजनों के साथ हो रहा है।कुछ लोग अपने ही देश को धोखा देते रहते हैं।लेकिन लोग भूल जाते हैं कि स्वतंत्रता सेनानी ने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी, उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक देश के लिए लड़ाई लड़ी क्योंकि हमारे देशवासियों को अपने देश में अपने प्रियजनों, सम्मान के साथ खुशी से रहना चाहिए।हमें भूखा नहीं रहना चाहिए, अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहिए, इसलिए उन्होंने वह लड़ाई लड़ी, हमें उनके बलिदान को नहीं भूलना चाहिए।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज भी सैनिक हमारी रक्षा के लिए देश की सीमा पर खड़े हैं।और इतने सारे सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान गंवाई क्योंकि हम अपने घर पर अच्छी तरह से सुरक्षित थे।अगर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को पता होता कि उनका देश आजाद होने के बाद हमारे देश में जहां दुर्गा मां की पूजा के रूप में महिलाओं को सम्मान दिया जाता है वहीं दूसरी ओर महिला का बलात्कार करके,जिस देश में एक तरफ भाईचारा होता है तो दूसरी तरफ उसके अपने लोग ही अपनों को मारना चाहते हैं।जहां एक घर में बहुत सारा खाना, पैसा होता है और एक तरफ उनके पास पैसा या अनाज भी नहीं होता है।अगर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को पता चलता है कि भारत, जिस देश को उन्होंने लूटने से बचाने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी, उनके अपने ही कुछ लोग लूट कर उसी देश को बदनाम कर रहे हैं।इस देश के नेता आपस में झगड़ते हैं और अपना ही देश लूटते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि हम आज आजाद होते।भारत का यह देश उनका है जिन्होंने अपने देश से लेकर अपने देशवासियों तक बिना कुछ सोचे-समझे नि:स्वार्थ प्रेम किया है।ये भारत देश वो है जहां हिन्दू ,मुसलमान,ईसाई, सिख,बौद्ध,जैन ,अय्यावलि , यहूदी, पारसी, अहमदी और बहाई आदि साथ में रहते है.भारत एक ऐसा देश है जहां भारतीय संविधान में केवल 22 भाषाओं को ही मान्यता दी गई है। लेकिन 2011 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में ऐसी 121 भाषाएं बोली और समझी जाती हैं, जो 10,000 से ज्यादा ऐसी भाषाएं बोलते हैं।भारत एक ऐसा देश है जहां हमारी संस्कृति को हमारी सभ्यता को बहुत सम्मान दिया जाता है।भारत एक ऐसा देश है जहां किसी को कोई परेशानी होती तो सब उसका साथ देने आते।कृपया भारत को वैसा ही रहने दें जैसा स्वतंत्रता सेनानी चाहते थे कि हमारा भारत हो।कृपया महिलाओं, गरीबों को उनका हक और सम्मान मिले। महिलाओं या पुरुषों, गरीब या किसी के साथ कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए।किसी भी महिला का रेप नहीं होना चाहिए। किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। कोई भूखा न सोए। सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।हमें उनका सम्मान करना चाहिए जिन्होंने हमारे भारत देश के लिए इतना बलिदान दिया है।उनके बलिदान को याद करते हुए हमें अपने देश के प्रति वफादार रहना चाहिए और अपने प्रियजनों के प्रति वफादार रहना चाहिए।भारत एक ऐसा देश है जिसने बाहर के लोगों को भी अपना बना लिया है।मेरा भारत महान है, मुझे गर्व है कि मैं इस देश की बेटी हूं।

मुझे गर्व है कि मैं उस देश की बेटी हूं जहां रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म हुआ था।मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूं।