किशोर कुमार ने अपने करियर की शुरुआत साल 1946 में की थी। उन्होने फिल्म शिकारी से फिल्मों में कदम रखा था।
इस देश में किशोर
कुमार के चाहने वाले आज भी है। शायद ही कोई होगा जो उन्हें ना जानता हो।
4 अगस्त 1929 में मध्यप्रदेश के खंडवा में एक बंगाली परिवार में जन्मे किशोर कुमार होने के साथ-साथ बेहतरीन एक्टर, म्यूजिक डायरेक्टर, लिरिक्स राइटर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर भी रलिजेंड्री सिंगरह चुके हैं। हिंदी गानों के अलावा किशोर कुमार ने बंगाली और तमिल भाषाओं में भी कई ब्लॉकबस्टर हिट गानें दिये हैं। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था, जिसे फिल्मों में आने के बाद उन्होंने बदल लिया था।
उन्हें हिन्दी सिनेमा में तमाम तरह के किरदारों को बखूबी निभाने के लिए जाना
जाता है, लेकिन उनके गायन की शैली और कॉमेडी को लोग आज भी याद करते हैं। देश की
पहली कॉमेडी फिल्म ‘‘चलती का नाम गाड़ी’’ में किशोर कुमार ने अपने दोनों भाइयों
अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ हास्य अभिनय के ऐसे आयाम स्थापित किए, जो आज भी मील का एक पत्थर हैं। हास्य फिल्मों
1946 में की थी करियर की शुरुआत
दिग्गज सिंगर
किशोर कुमार ने अपने करियर की शुरुआत साल 1946 में की थी। उन्होने फिल्म शिकारी से फिल्मों
में कदम रखा था। इस फिल्म में उनके बड़े भाई ने अशोक कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई
थी। इसके अलावा दोनों ने भाई-भाई, दूर का राही, चलती का नाम गाड़ी और बंदी में साथ काम किया।
ऐसा कहा जाता है कि राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाने में किशोर कुमार का बहुत बड़ा
हाथ है।
बहुमुखी प्रतिभा
के धनी थे किशोर कुमार
किशोर कुमार एक
ऐसी शख्सियत थे, जिसमें बहुमुखी प्रतिभा होने के साथ ही वह सब था, जिसकी वजह से लोग उन्हें महान मानते थे। एक गायक
और अभिनेता होने के साथ किशोर कुमार ने लेखक, निर्देशक, निर्माता और संवाद लेखक तक की भूमिका निभाई।
उन्होंने बंगाली, मराठी, गुजराती, कन्नड़ जैसी कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा।