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Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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शपथ ग्रहण महलों में नहीं बल्कि अब से स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों हुआ करेगा : भगवंत मान


दोस्तों पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव पूर्ण हो चुके हैं, जिसमे से एक राज्य यानी पंजाब में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है क्योंकि वह पहली बार किसी राज्य में अपनी खुद की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार या पंजाब के भावी मुख्यमंत्री भंगवत ने कुछ अहम तथा बड़ी बाते अपने पार्टी उम्मीदवारों के सामने रखी आइए जानते हैं....



शपथ ग्रहण समारोह ‘महलों’ में नहीं बल्कि अब से स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों में हुआ करेगा :- भारत के पंजाब राज्य  में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत ने प्रेस को बताया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है,


अब से शपथ ग्रहण जैसा महत्वपूर्ण कार्य ‘महलों’ में नहीं अपितु देश और सरजमीं पर कुर्बान होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों में हुआ करेगा



और इसलिए हम आने वाली 16 मार्च को शहीद भगत सिंह के गाँव में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए वहाँ शपथ लेंगे ।



जीवनजोत कौर ने बताया हमें किसी  लड़ाई नहीं करनी है : - जीवनजोत कौर जो कि अमृतसर पूर्व से आम आदमी पार्टी की विधायक है उन्होंने मौहाली में विधायक दल की बैठक के बाद बताया कि हमें किसी से लड़ाई नहीं करनी है, 



हमें सभी के साथ समान आदर का व्यवहार करना होगा तथा  हम जनता से किए वादों को पूरा हर हाल में पूरा करेंगे ।




तथा विधायक दल की बैठक के दौरान खुद आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने भी कहा कि मेरी आप सभी नवनिर्वाचित विधायकों से यह विनती है कि वह किसी प्रकार का अहंकार न करें, हमें उन सभी लोगों का भी पूरा सम्मान करना होगा, 


जिन्होंने हमें किसी कारण से वोट नहीं दिया, एवं सभी विधायकों को  केवल चंडीगढ़ में न रहते हुए अपने उन क्षेत्रों में कार्य करना चाहिए जहाँ से वे जनता द्वारा चुने गए हैं।




तथा इन सब के चलते हुए वही पंजाब के राज्यपाल ने अब तक की 15वीं विधानसभा को  भंग कर दिया दरअसल पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने विधानसभा चुनावों के नतीजों को घोषित हो जाने के 1 दिन पश्चात शुक्रवार को 15वीं विधानसभा को भंग कर दिया गया, 





इसके पूर्व, चुनाव में कांग्रेस की हार के पश्चात चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया था. चन्नी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने यहां डिजिटल तरीके से बैठक में विधानसभा भंग करने की बात रखी थी, जिससे आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली नई सरकार के गठन का कार्य पूर्ण हो सके।