देश के सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे तथा लखीमपुर खीरी हिंसा के संगीन आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देने से मना कर दिया है. देश की शीर्ष कोर्ट ने आशीष मिश्रा को एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश जारी किया है...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिनांक 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत पर मंजूरी दी थी. एवं वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आ गए थे.
पर अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की नए सिरे से सुनवाई के लिए इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट को ही वापस भेज दिया है. जहाँ पर मुख्य न्यायधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया ।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह माना गया है की आशीष मिश्रा को जमानत देने के समय इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पीड़ित पक्ष की बात ठीक से नहीं सुनी गयी तथा उनके द्वारा दलीलों को नजरंदाज कर दिया गया.सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिर्फ एक एफआईआर के आधार पर ही आशीष मिश्रा को जमानत दे दी, जो कि गलत था,
इस कारण हाईकोर्ट को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर एक बार पुन विस्तार से सुनवाई करनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से यह कहा कि पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में जिस जज द्वारा आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करी थी, इस केस में दोबारा सुनवाई अब उनके द्वारा नहीं होगी.
दरअसल किसानों की तरफ से आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध किया गया था तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
फिर सुप्रीम कोर्ट ने ही किसानों की इस याचिका पर सुनवाई पूरी होने के पश्चात 4 अप्रैल तक अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका स्वीकार करने पर इलाहबाद उच्च न्यायालय के इस निर्णय पर प्रश्न उठाए थे तथा यह कहा था कि इस केस की सुनवाई शुरू होनी अभी बाकी है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं लगने वाली चोटों के प्रकार जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं कर सकते है. इस विशेष पीठ ने इस पहलू का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल के सुझाव के अनुरूप उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर नहीं करी.