Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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बिल्वाष्टकम् स्त्रोत : एक ऐसा स्त्रोत जिसमें बिल्वपत्र की भी महिमा का है वर्णन


दोस्तों बिल्वाष्टकम् स्तोत्र में बेल पत्र अथवा जिसे हम बिल्व पत्ते के नाम से भी जानते है ।  इस स्तोत्र में बताया गया है कि सिर्फ़ एक बिल्व पत्र  को भगवान शिव पर अर्पण करने से जातकों विशेष लाभ  मिल सकते हैं।




॥ अथ श्री बिल्वाष्टकम् स्त्रोत ॥



त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्

त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥



अखण्ड बिल्व पात्रेण पूजिते नन्दिकेश्र्वरे

शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



शालिग्राम शिलामेकां विप्राणां जातु चार्पयेत्

सोमयज्ञ महापुण्यं एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



दन्तिकोटि सहस्राणि वाजपेय शतानि च

कोटि कन्या महादानं एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



लक्ष्म्या स्तनुत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम्

बिल्ववृक्षं प्रयच्छामि एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्

अघोरपापसंहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनम्

प्रयागमाधवं दृष्ट्वा एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥



मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे

अग्रतः शिवरूपाय एक बिल्वं शिवार्पणम्  ॥





॥ श्री बिल्वाष्टकम् स्त्रोत संपूर्णम ॥

भगवान श्री भोलेनाथ शिव जी की जय हो ॥