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Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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हार्ट अटैक की बढ़ती समस्याएं, कारण एवं उपाय

पाठकों वर्तमान में हार्ट अटैक की समस्याएं बढ़ती जा रही है आए दिन हमें ऐसे मामले सुनने और देखने को मिलते है  जिनमें किसी न किसी की जान चली जाती है, अभी मशहूर सिंगर केके गुजर गए टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की अचानक हुई मृत्यु का कारण हार्ट अटैक ही था. इन दोनों की ही मृत्यु ने सब को एकदम हैरान कर दिया. लोगों को इस बात से बेहद सदमा लगा कि आख़िर ये चलते फिरते मज़बूत नौजवान आखिर यूं अचानक कैसे इस दुनिया से रूकसत हो गए ।







दरअसल दोस्तों हम यह सोचते हैं कि हार्ट अटैक या तो सिर्फ़ बुढ़ापे में आता है अथवा ये उन लोगों को आता है जो कि फ़िटनेस का ख्याल नहीं रखते है परंतु यह सत्य नहीं है। हार्ट अटैक एक ऐसी बीमारी है जो कि ना सिर्फ़ ख़तरनाक है अपितु किसी भी उम्र के व्यक्ति को लग सकती है।


आज के  इस आलेख में हम हार्ट अटैक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे।



हृदयाघात अथवा हार्ट अटैक :- जब मनुष्य के शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारु ढंग से नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या अथवा क्लॉटिंग होना शुरू हो जाता है। इस क्लॉटिंग के कारण से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। और इसी की वजह से हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यही स्थिति हार्ट अटैक की भी होती है।



हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फ़्रैक्शन भी कहते हैं।  जिसमें कि एक हार्ट अटैक की स्थिति किसी भी इंसान के लिए जानलेवा हो सकती है परंतु यदि तुरंत उपचार मिल जाए तो उस मनुष्य को बचाया जा सकता है।




हृदयाघात वाले इंसान के सामान्य लक्षण :-

 


1.) साँस लेने में परेशानी होना


2.) थकान महसूस होना


3.) शरीर से पसीना आता है लेकिन ठंड भी लगती है इसे कोल्ड स्वैट के नाम से भी जाना जाता है।


4.) चक्कर का आना



5.) शरीर का भार कम महसूस होने लगता है


6.) बाएँ हाथ में हल्का - हल्का दर्द भी होता है 


7.) सीने में जलन होती है एवं कभी - कभी उल्टी भी आती है अथवा ऐसे  महसूस होने लग जाता है।





हांलाकि हर इंसान में हार्ट अटैक के कई अलग - अलग  लक्षण हो सकते हैं। कुछ लोगों को हार्ट अटैक के वक्त काफ़ी तेज़ दर्द होता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान दर्द कम होता है। वही कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि हृदयाघात से पूर्व किसी व्यक्ति के बाएँ हाथ में दर्द शुरू हो जाता है। 


कई बार कुछ लोगों में हार्ट अटैक से पूर्व कुछ लक्षण देखने को मिल जाते है तो वही कुछ लोगों को हृदयाघात बिना किसी चेतावनी के आ जाता है ।



 



आमतौर पर यह देखा गया है कि हार्ट अटैक का प्रमुख कारण नसों में रक्त का ज़मना होता है। इनमें ब्लड क्लॉटिंग एक ख़तरनाक समस्या है जो कि हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है इसके साथ - साथ हार्ट अटैक के कुछ निम्न कारण भी  हैं जो की हृदयाघात की संभावना को काफ़ी बढ़ा देते है।




1.) तम्बाकू सेवन अथवा धूम्रपान करना :- जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या सिगरेट के द्वारा धूम्रपान करते हैं तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।




2.) आयु का अधिक होना :- हृदयाघात  का एक प्रमुख कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि पुरुषों में 45 वर्ष से अधिक तथा महिलाओं में 55 वर्ष से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक अथवा ह्रदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।




3.) बढ़ता मोटापा :- मोटापा ना कि सिर्फ़ हृदयाघात को ही जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही ये व्यक्ति को अवसाद तथा अन्य बीमारियाँ भी देता है। 


यूं तो फैट अथवा वसा शरीर को ऊर्जा देती है लेकिन वहीं अधिक मात्रा में लिया गया फ़ैट अथवा वसा नसों के किनारों पर जमने लगती है। इस प्रकार नसें संकरी होना शुरू कर देती हैं। 


इस कारण से नसों में रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है और तब वह बाधित होने लग जाता है। ऐसी स्थिति में कभी - कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। तब हम यह कह सकते हैं कि ऐसी स्थिति हृदयाघात को जन्म दे सकती है।





4.) मेटाबोलिक सिंड्रोम :- जब कोई इंसान  मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर तथा हाई ब्लड शुगर की समस्या से लगातार जूझ रहा होता है तो ऐसी स्थिति को मेटाबोलिक सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता हैं। यह स्थिति भी हृदयाघात के ख़तरे को बढ़ाती है।





5.) मानसिक स्थिति:- मानसिक स्थिति के कारण भी हृदय को नुक़सान पहुँचना संभव है। कई मामलों में डिप्रेशन अथवा तनाव के चलते भी हृदयाघात की समस्या देखने को मिल जाती है, आजकल तो यह काफी आम हो गया है।





6.) उच्च रक्तचाप का होना :- ऐसे लोग जो की काफ़ी लंबे वक्स से उच्च रक्तचाप अथवा  हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से  डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योकिं ज्यादा लंबे वक्त तक रहने वाला उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक जैसी ख़तरनाक बीमारी को भी जन्म दे सकता है।



7.) फ़िटनेस की कमी होना :- यदि कोई इंसान अपने आहार में कैलोरी की अधिक मात्रा लेता हैं तथा इसके पश्चात वह फ़िटनेस या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि नहीं करता हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक का ख़तरा काफ़ी अधिक बढ़ जाता है।





हृदयाघात अथवा हार्टअटैक से बचने के कुछ प्रमुख उपाय :-



1.) पौष्टिक आहार का सेवन करे :- लोगों को अपने आहार में अच्छी चीज़ों को शामिल करना चाहिए। ज़्यादा कैलोरीयुक्त भोजन का प्रयोग न करें, शरीर में दिख रहे किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा न करें। 




2.) यदि किसी इंसान के शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द अथवा सूजन हो तो ऐसे में उसे तुरंत उसका उपचार करवाना चाहिए, और यदि सीने में दर्द अथवा जलन तथा बाएँ हाथ में लगातार दर्द हो तब भी डॉक्टर के पास जाकर जाँच करवानी चाहिए।





3.) फिटनेस का ध्यान रखे :- किसी को भी शरीर पर अतिरिक्त वसा को जमने नहीं देना चाहिए। तथा जितना हो सके उतना पैदल चलने की कोशिश करते रहें।




4.) नकारात्मक विचारों को रखे स्वयं से दूर :- यदि आपको किसी प्रकार का कोई डिप्रेशन अथवा तनाव हो तो उससे अवश्य ही छुटकारा पाने की कोशिश करें।




5.) किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सिर्फ़ डॉक्टर के परामर्श को ही अपनाएं। इधर उधर से जानकारी एकत्र करके उसे स्वयं पर लागू ना करें। यह ख़तरे से ख़ाली नहीं है। प्रतिदिन फल तथा जूस का भी सेवन करते रहें।




6.) और हाँ यह बात अवश्य ही ध्यान रखे कि शरीर में दिख रहे किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा नहीं करना चाहिए हालांकि यह सच है कि इस भागती - दौड़ती जिंदगी में खुद के लिए वक्त निकालना काफी मुश्किल हो जाता है लेकिन फिर भी हमें खुद के लिए वक्त निकालना चाहिए क्योंकि जब इंसान जब जीवित और स्वस्थ रहेगा तभी तो जीवन में आगे कुछ कर पाऐगा इसलिए अपने शरीर का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए ।