भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमन्त्री का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है। वह भारत सरकार का मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मन्त्रिपरिषद् तथा बहुमतवाले दल का नेतृत्वकर्ता होता है। वर्तमान में इस अतिमहत्त्वपूर्ण पद को माननीय श्री नरेन्द्र मोदीजी सुशोभित कर रहे हैं, जिन्होंने 26 मई, 2014 ई० को देश के 15वें प्रधानमन्त्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। मोदीजी प्रधानमन्त्री के रूप में संसद में प्रथम प्रवेश के समय माथा टेककर उसे मन्दिर की–सी गरिमा प्रदान करनेवाले प्रथम प्रधानमन्त्री हैं।
अत्यन्त ऊर्जावान्, समर्पित और दृढ़निश्चयी मोदीजी एक अरब से भी अधिक भारतीयों की आकांक्षाओं और आशाओं के सम्बल हैं। उन्होंने भारतवासियों के हृदय में सुशासन के द्वारा ‘अच्छे दिन आने’ की अलख जगाई और अपनी सरकार द्वारा राष्ट्र को आन्तरिक एकता, बेहतरीन विकास और आत्मविश्वास के साथ विश्वफलक पर सुदृढ़ राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित करने का संकल्प लिया। वे निरन्तर इसी दिशा में प्रयासरत हैं।
उन्होंने भारत की स्थिति को वैश्विक स्तर पर अत्यन्त सुदृढ़ बनाया है। इसलिए सादा जीवन उच्च विचार के मूर्तरूप नैतिक मूल्यों के पोषक, व्यवहार कुशल, प्रतिभावान् तथा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी नरेन्द्र मोदीजी के प्रति भारतीय जनमानस में अटूट विश्वास उत्पन्न हुआ है। वे ‘अन्त्योदय’ अर्थात् राष्ट्र के अन्तिम व्यक्ति तक सेवा पहुँचाने के सिद्धान्त से प्रेरित होकर कार्य करते हैं। उनका प्रधानमन्त्री पद के दायित्वों को सँभालना प्रत्येक भारतीय के लिए हर्ष का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जीवन परिचय–
माननीय नरेन्द्र मोदीजी का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मूलचन्द मोदी है। उनका जन्म 17 सितम्बर, 1950 ई० को गुजरात (तत्कालीन बॉम्बे राज्य) के महसाणा जिला स्थित वाडनगर ग्राम के अन्य पिछड़ा वर्ग के एक निर्धन परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचन्द मोदी एवं माता का नाम हीराबेन मोदी है।
बाल्यकाल से किशोरावस्था तक मोदीजी वाडनगर बस–स्टैण्ड के पास अपने पिता की चाय की दुकान पर उनका हाथ बँटाते थे। मोदीजी को बाल्यकाल में अनेक विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, परन्तु उन्होंने हार न मानते हुए अपने उदात्त चरित्र–बल और साहस से न केवल सभी बाधाओं को पार किया, वरन् सफलता के चरमशिखर तक भी पहुंचे।
(क) प्रारम्भिक शिक्षा नरेन्द्र मोदीजी ने अपनी प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा वाडनगर से ही सन् 1967 ई० में पूर्ण की।
(ख) वैवाहिक स्थिति नरेन्द्र मोदीजी की 13 वर्ष की आयु में ही जसोदा बेन चमनलाल के साथ सगाई और मात्र 17 वर्ष की आयु में विवाह कर दिया गया। विवाह के कुछ समय पश्चात् ही मोदीजी घर–परिवार छोड़कर देश–सेवा के मार्ग पर निकल पड़े।
(ग) उच्च शिक्षा–अपने दृढ़ संकल्प और परिश्रम का परिचय देते हुए नरेन्द्र मोदीजी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रचारक रहते हुए सन् 1983 ई० में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
(घ) प्रारम्भिक राजनैतिक सक्रियता–किशोरावस्था से ही नरेन्द्र मोदीजी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर० एस० एस०) से प्रभावित थे और नियमित रूप से शाखा में जाते थे। भारत–पाक द्वितीय युद्ध के समय उन्होंने स्वेच्छा से रेलवे स्टेशनों पर सफर कर रहे भारतीय सैनिकों की सेवा की, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े।
सन् 1971 ई० में आधिकारिक रूप से नरेन्द्र मोदी ने आर० एस० एस० की सदस्यता प्राप्त की और नागपुर शिविर से प्रशिक्षण लिया। शीघ्र ही संघ परिवार में उन्होंने अपनी विशेष पहचान बनाई और उच्चपद पर पहुँचे। सन् 1975–77 ई० में आपात्काल के समय नरेन्द्र मोदीजी ने गुजरात क्षेत्र में भूमिगत होकर आपात्काल के विरुद्ध एक सिक्ख, सन्त और प्रौढ़ व्यक्ति के वेष बनाकर सक्रिय कार्य किया। मोदीजी ने जयप्रकाश नारायण आन्दोलन में भी सक्रिय भागीदारी की।
सन् 1987 ई० में मोदीजी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश किया। एक वर्ष में ही उन्हें पार्टी की गुजरात इकाई का महामन्त्री नियुक्त किया गया। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाने का चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक किया।
मोदीजी की भूमिका–मोदीजी विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। इन्होंने समय–समय पर विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है, जिसका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-
(क) मुख्यमन्त्री के रूप में–7 अक्टूबर, 2001 ई० में मोदीजी गुजरात के मुख्यमन्त्री के रूप में नियुक्त हुए। उस समय गुजरात जनवरी 2001 ई० में आए विनाशक भूकम्प सहित अन्य विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की त्रासदी से जूझ रहा था। ऐसी विकट परिस्थिति में उन्होंने सर्वांगीण सामाजिक–आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त ढंग से सामाजिक क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रितकर राज्य के विकास हेतु अनेक कार्य किए। इसी के फलस्वरूप मोदीजी सन् 2002, 2007 तथा 2012 ई० के आम चुनावों में भारी मतों से विजयी हुए।
26 दिसम्बर, 2012 ई० को मोदीजी लगातार चौथी बार गुजरात के मुख्यमन्त्री बने। उन्होंने गुजरात के चहुंमुखी विकास के लिए ‘पंचामृत योजना’, ‘सुजलाम्–सुफलाम् योजना’, “कृषि महोत्सव’, ‘चिरंजीवी योजना’, ‘मातृ–वन्दना’, ‘बेटी बचाओ’, ‘ज्योतिग्राम योजना’, ‘कर्मयोगी अभियान’, ‘कन्या कलावाणी योजना’, ‘बालभोग योजना’ आदि अनेक सराहनीय कार्य किए। इन्होंने सरकार के नौकरशाही तन्त्र को नया स्वरूप प्रदान किया और उसको सरल बनाया, जिससे वह कुशलतापूर्वक, ईमानदारी तथा मानवीय भावना से कार्य कर सके।
(ख) प्रधानमन्त्री के रूप में मोदीजी की प्रसिद्धि और कार्यशैली को देखकर भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 ई० के आम चुनाव में उन्हें प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई। 21 मई, 2014 ई० को मोदीजी ने गुजरात के मुख्यमन्त्री पद और वडोदरा विधानसभा सीट से त्यागपत्र देकर उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह गंगा की सेवा के साथ–साथ इस प्राचीन नगरी का भी विकास करेंगे। 26 मई, 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में श्री नरेन्द्र मोदीजी को भारत के 15वें प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ ग्रहण कराई।
प्रधानमन्त्री मोदीजी ने देश की प्रगति में तेजी लाने और प्रत्येक नागरिक तक विकास का लाभ पहुँचाने हेतु निम्नलिखित मुख्य योजनाओं की शुरूआत की प्रधानमन्त्री जन–धन योजना–इस योजना का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को वित्तीय तन्त्र में शामिल करना है।
मेक इन इण्डिया–
यह भारतीय व्यापार को सरल बनाने की एक महत्त्वपूर्ण योजना है, जिसके अन्तर्गत निवेशकों, उद्यमियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलना निश्चित है। 6 श्रमेव जयते–यह योजना श्रम सुधारों और श्रम की गरिमा से लघु और मध्यम उद्योगों में लगे श्रमिकों के सशक्तीकरण हेतु बनाई गई है। डिजिटल इण्डिया मिशन–इस योजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन–स्तर को सुधारना और उच्च–स्तर प्रदान करना है। 6 स्वच्छ भारत अभियान–यह योजना सन् 2019 ई० तक भारत को गन्दगीरहित बनाने की है।
इनके अतिरिक्त प्रधानमन्त्री आवास योजना, प्रधानमन्त्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुकन्या समृद्धि एकाउण्ट, अटल पेंशन योजना, कौशल विकास योजना, मुद्रा बैंक योजना, डिगी–लोकर, गोल्ड मोनेटीजेशन स्कीम, गरीब कल्याण योजना, जन औषधि योजना, कृषि सिंचाई योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नई मंजिल योजना, सुरक्षा बन्धन योजना, स्मार्ट सिटी आदि योजनाएँ प्रधानमन्त्री द्वारा चलाई जा रही हैं।
इन सभी योजनाओं की विशेषता यह है कि इनकी घोषणा के साथ ही इनका क्रियान्वयन आरम्भ हो गया। इन सभी पर एक साथ तेजी के साथ कार्य हो रहा है। जैसे–जैसे ये योजनाएँ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ेगी, देश के विकास को नई ऊँचाइयाँ प्राप्त होगी। इसमें कोई सन्देह नहीं है।
(ग) कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में माननीय नरेन्द्र मोदीजी अपने कुशल और सधे हुए नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। इसका प्रथम परिचय उन्होंने अपने प्रधानमन्त्री पद के शपथ–ग्रहण–समारोह में विभिन्न राज्यों और राजनैतिक पार्टियों के प्रमुखोंसहित सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमन्त्रित करके दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए उनके भाषण को दुनियाभर में प्रशंसा मिली।
भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के प्रयास हेतु नरेन्द्र मोदीजी ने जहाँ स्वयं अनेक यात्राएँ की, वहाँ अन्य देशों के शिखर पुरुषों को देश में आने का आमन्त्रण भी दिया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमन्त्री टोनी अबॉट, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन एवं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केलसहित विश्व के कई अन्य नेताओं ने भारत का दौरा किया, जिससे इन देशों के बीच सहयोग बढ़ाने तथा तकनीकी सम्बन्धों को विकसित करने में सफलता मिली।
इस प्रकार प्रधानमन्त्री मोदीजी ने अपने कुशल नेतृत्व से भारत को पूरी दुनिया से न केवल जोड़ा, अपितु उसकी मान–प्रतिष्ठा को एक नया आयाम प्रदान किया। उनकी इस कूटनीति का परिणाम यह हुआ है कि आज विश्व भारत को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में देख रहा है। वह दिन दूर नहीं जब मोदीजी के नेतृत्व में सम्पूर्ण विश्व अपने मार्ग–निर्देशन के लिए भारत की ओर देखने के लिए विवश होगा।
(घ) कवि के रूप में कुशल राजनीतिज्ञ के अतिरिक्त नरेन्द्र मोदीजी एक संवेदनशील कवि भी हैं। उन्होंने गुजराती भाषा में अनेक कविताएँ लिखीं हैं। उनकी श्रेष्ठ कविताओं का संकलन ‘आँख आ धन्य छे’ नाम से वर्ष 2007 ई० में प्रकाशित हो चुका है, जिसका अनुवाद डॉ० अंजना सन्धीर द्वारा हिन्दी में ‘आँख ये धन्य है’ के नाम से किया, एक अंश प्रस्तुत है-
“इतने सारे शब्दों के बीच मैं बचाता हूँ
अपना एकान्त तथा मौन के गर्भ में प्रवेश कर
लेता हूँ आनन्द किसी सनातन मौसम का।”
‘आँख ये धन्य है’ से सम्पूर्ण व्यक्तित्व : एक दृष्टि में नरेन्द्र मोदीजी को एक कुशल प्रशासक और कठोर अनुशासक के रूप में जाना जाता है। आन्तरिक रूप से वह एक सहज–सरल, मृदुल व्यक्तित्व के स्वामी हैं। वह शुद्ध शाकाहारी, अन्तर्मुखी, सतत क्रियाशील और कर्म के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं। प्रधानमन्त्री होते हुए भी वे 18 से 20 घण्टे कार्य करते हैं। वह एक असाधारण वक्ता हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी विशेष अभिरुचि है। वह यथार्थवादी होने के साथ–साथ आशावादी भी हैं।
उनका मानना है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य की जानकारी और कठोर श्रम अत्यन्त आवश्यक हैं। उनकी दिनचर्या का आरम्भ योग से होता है। मोदीजी मितव्ययी और मिताहारी हैं। उनका ऐसी शिक्षा व्यवस्था में विश्वास है, जो मनुष्य के आन्तरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और गरीबी के दुश्चक्र से मुक्ति प्रदान कर सके। मोदीजी का जनशक्ति में अखण्ड विश्वास है।
युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत–माननीय मोदीजी की प्रत्येक योजना का लक्ष्य युवाओं को प्रोत्साहित करके उनकी शक्ति को देश के विकास में लगाना है। उन्होंने जिस ईमानदारी से देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने और युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है, उससे देश के युवा उनके मुरीद हो गए हैं। वे देश के युवाओं की आशा के अनुरूप केवल योजनाओं की घोषणा में विश्वास नहीं करते, वरन् उनके क्रियान्वयन द्वारा ठोस परिणाम प्राप्त करके देश को प्रगति के पथ पर ले जाना चाहते हैं।
देश के युवा स्वयं देख चुक हैं कि वे जिन योजनाओं की घोषणा करते हैं, उनका क्रियान्वयन भी उसी क्षण से आरम्भ हो जाता है, जिससे युवाओं का उनके प्रति विश्वास तथा श्रद्धा और अधिक सुदृढ़ होती है। उनकी सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, नई मंजिल योजना, मेक इन इण्डिया, मुद्रा बैंक योजना आदि अधिकांश योजनाएँ युवाओं को दृष्टिगत रखते हुए ही आरम्भ की गई हैं। युवाओं को समर्पित ‘स्किल इण्डिया’ योजना ने तो युवाओं की आशाओं को मानो पंख ही लगा दिए हैं।
इस योजना के शुभारम्भ के अवसर पर उनके इस कथन ने युवाओं को नए जोश और आत्मविश्वास से भर दिया–”सरकार ने गरीबी के विरुद्ध युद्ध घोषित किया है और इसमें जीत के लिए वह प्रतिबद्ध है प्रत्येक गरीब और वंचित युवा इस युद्ध में एक सिपाही है।” उनके ‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश के युवा प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त मोदीजी ने विश्व स्तर पर अपनी कूटनीति से भारत की मान–प्रतिष्ठा को जो नए आयाम प्रदान किए हैं, उनसे युवाओं का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। आज सम्पूर्ण विश्व भारत को जिस विश्वास की दृष्टि से देख रहा है और भारत के नेतृत्व में जिस सुनहरे कल के सपने सँजो रहा है, उससे भारत के युवाओं को एक नई प्रेरणा मिलती है।
वे जब अपने प्रधानमन्त्री को 18 से 20 घण्टे तक काम करते देखते हैं तो उनका अन्तःकरण भी उनके नक्शे–कदम पर चलने के लिए उन्हें उद्वेलित करता है। मोदीजी का ऊर्जावान्, ओजस्वी और प्रतिभाशाली व्यक्तित्व आज देश के युवाओं का आदर्श और प्रेरणास्रोत बनकर सम्पूर्ण विश्व को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
उपसंहार–
प्रधानमन्त्री के रूप में माननीय मोदीजी ने देश की जनता को यह विश्वास दिलाया है कि उन्हें जो दायित्व सौंपा गया है, उसे वह पूरी निष्ठा और प्राणपण से निभाएँगे। कर्मठ, समर्पित और दृढ़–निश्चयी नरेन्द्र मोदीजी सवा अरब भारतीयों के सपनों और आकांक्षाओं के लिए आशा की एक किरण बनकर आए हैं। उनकी यह वचनबद्धता सभी भारतीयों को उनके प्रति श्रद्धावनत कर आनन्द से अभिभूत कर देती है-
“सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।”