भारत माँ की विशाल धरती, गर्व से भरी है हर घटी। वीरों का देश, बहुमुखी धरा, संस्कृति का निधान, अद्भुत विचारा।
हिमालय की शीतल छांव में, गंगा की महिमा गीत में। यमुना तपती जलती ज्वाला, रंग देती है जीवन को मधुशाला।
रंग-बिरंगे फूलों की बेला, मधुर भाषा का सुरीला गेला। मोहक आवाज़, भारतीय संगीत, आँखों में जागे आत्म-श्रद्धा की प्रीत।
रंगीन फेस्टिवलों का मेला, हर जगह बसता अमन का वेला। वृक्षों की चांदनी, पशु-पक्षियों की रमणी, प्रकृति का खूबसूरत चित्र निर्माणी।
अनुशासन का पर्व, बच्चों का उत्सव, विद्या का प्रणेता, ज्ञान का ध्यानवृष्टि। योग की भूमि, ध्यान का अभिषेक, अमर करती है भारतीय आध्यात्मिकता का लेख।
भारत माँ, तुझे सलाम है, तेरी महिमा को कोई नहीं काम है। हर देशवासी तुझे नमन करें, दुनिया को गर्व से भारत कहें।