Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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Gandhi Ji मोहनदास करमचंद गांधी

मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें पूरे विश्व में महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों में से एक थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नगर में हुआ था। गांधी जी का व्यक्तित्व और योगदान भारतीय इतिहास में अद्भुत और अविस्मरणीय है। उन्होंने अहिंसा, सत्य और आध्यात्मिकता के माध्यम से भारतीय राष्ट्रीयता की मूल नीतियों को प्रशस्त किया और विदेशी शासन से अपने देश को मुक्त करवाने के लिए संघर्ष किया।



गांधी जी ने अपने जीवन के दौरान अहिंसा का प्रचार-प्रसार किया और इसे अपने आंदोलनों के माध्यम से साबित किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति और धरोहर को अपने आंदोलनों में सम्मिलित किया और जनता को राष्ट्रीय उत्थान के लिए प्रेरित किया। उनकी सत्याग्रह और नागरिक अविश्वास आंदोलनें ब्रिटिश सरकार को भारत से अलगाव करने के लिए मजबूर कर दिया। उनके द्वारा चलाए गए सत्याग्रहों ने भारतीय स्वतंत्रता की मुहीम को एक नई दिशा दी और लाखों लोगों को राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित किया।

गांधी जी के विचार और सिद्धांतों में समाजसेवा, समाजिक समरसता और अखंडता के प्रति गहरा संबंध था। उन्होंने विभिन्न समाजी विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जैसे अशिक्षितता, दलितों के अधिकार, स्वदेशी आंदोलन, ग्राम स्वराज आदि। उनके सूत्रधारिता और साधन सर्वत्र निर्मलता के साथ लोगों के दिलों को छु गई और उन्हें नेतृत्व के लिए अद्भुत आदर मिला।

महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अंतिम चरण में हिंदुस्तान के स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया। उनकी मृत्यु के बाद, भारतीय राष्ट्रीयता उनके विचारों, सिद्धांतों और आंदोलनों के प्रभाव में आगे बढ़ी और 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की।