Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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62nd Foundation Day of the School of Open Learning, University of Delhi

 इस स्थान से अंग्रेजों ने दो दशक से ज्यादा राज करा। यह वह स्थान है। और उन्होंने भगत सिंह को यहां रखा।मैं जब यहां आया तो मन में एक नई शक्ति का संचार हुआ। भगत सिंह जी के वाक्य, “वह मुझे मार सकते हैं लेकिन मेरे विचारों को नहीं। वह मुझे कुचल सकते हैं लेकिन मेरी आत्मा को नहीं”।

It is an absolute honour to be part of the auspicious occasion of the 62nd Foundation Day Celebration of the School of Open Learning, University of Delhi.

Britishers ने यहां पर दो दशक तक राज करा। उनका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। सोने की चिड़िया को उन्होंने खत्म कर दिया पर आज का भारत आर्थिक ताकत है। इंग्लैंड से ज्यादा है।

मैं जब पहली बार लोकसभा का सदस्य बना, 1989 में। केंद्र में मंत्री बना तब हमारी अर्थव्यवस्था का साइज लंदन शहर से कम था और हमारे सोने को हवाई जहाज में डालकर स्विट्जरलैंड के दो बैंकों में गिरवी रखा गया था। तब हमारा फॉरेन एक्सचेंज एक बिलियन के आसपास झोल खा रहा था और आज का भारत दो-तीन साल में जापान, जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा। यही कारण मुझे यहां खींच लाया कि भारत में ऐसा क्या हुआ क्यों कैसे हुआ और यही आज का खास विषय है।

Long time back, A great Greek philosopher before Socrates he said the only constant in life is change। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही व्यक्ति एक ही नदी में 2 बार पांव नहीं रख सकता। क्योंकि ना तो व्यक्ति एक है ना तो नदी एक है।

भारत के संदर्भ में टेक्नोलॉजी beyond Globe हो गई है। चंद्रयान-3, 23 अगस्त 2023 को चाँद पर पंहुचा और चाँद पर लिखा भी क्या शिव शक्ति पॉइंट और तिरंगा पॉइंट। चंद्रयान-3 की एक खासियत और है जो हर छात्र और छात्रा को ध्यान में रखनी चाहिए। चंद्रयान-2 नहीं होता तो चंद्रयान-3 नहीं होता। चंद्रयान-2 पूरी तरह से सफल नहीं था। बहुत हद तक सफल था। उस समय मैं बंगाल का गवर्नर था। साइंस सिटी के अंदर मैं और मेरी धर्मपत्नी 500 बच्चों के साथ रात के 2:00 बजे के आसपास सितंबर का महीना था।

चंद्रयान-2 पहुंच गया और लूनर सरफेस के नजदीक पहुंच गया पर टच करने से कुछ पहले नहीं कर पाया जो उम्मीद थी। लोगों ने उसको असफल माना पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइंटिस्ट की वाह-वाही करी।

हम इतना पहुंच गए पहली बार तो कोई नहीं पहुंचा इतना नजदीक उनको कई प्रयास करने पड़े इतना पहुंचने में यह सफलता की सीढ़ी है और वह बात हो गई 23 अगस्त 2023 को।

हर छात्र-छात्रा को ध्यान रखना चाहिए, विफलता किसी चीज़ का नाम नहीं है। विफलता में आप सफलता की कुंजी देखो। सफलता का अवसर देखो।

शिक्षा को describe करते एक वृद्ध महिला थी वह अंधी थी बीमार रहती थी एक ही लड़का था और उसके पास कोई नौकरी नहीं थी, उसकी शादी भी नहीं हो रही थी भगवान प्रकट हुए बोला एक वचन मांगो अब वह अपना स्वास्थ्य मांगे आंखों की दृष्टि मांगे या घर में संपन्नता मांगे या बच्चे की नौकरी मांगे या उसकी शादी मांगी पर वह शिक्षित थी उसने भगवान से एक ही वचन मांगा सोने की थाली में हंसता खेलता हुआ बच्चा दिखा दे मुझे।

आप देखो सब बातें पूरी हो गई बच्चा शादी हो गई सोने की थाली धन आ गई दिखा दो ए खा गई happiness उसने शिक्षा मांगी वह जो बच्चा था ना सोने की थाली में वह शिक्षा का स्वरूप था शिक्षा समाज में सबसे बड़े बदलाव का केंद्र है।

If we have to bring about equality in society and be have to do away with inequities तो शिक्षा ही एक माध्यम है। मुझे यहां आकर बड़ी प्रसन्नता है कि I join all of you in celebrating the 62nd foundation day the school of open learning which is changing the life of millions of millions across the country.

एक विशेष खासियत क्या है, शिक्षा तो सभी जगह मिलती है, पर यह अनुच्छेद तरीके की शिक्षा है। शिक्षा आपकी सहूलियत से शिक्षा आपकी दिनचर्या में कोई व्यवधान पैदा नहीं करती। यह आपको ज्ञान का उपयोग अपनी शर्तों पर करने की अनुमति देती है। आप आजीविका में भी लग रह सकते हैं, कार्य भी कर सकते हैं। यह open learning अद्वितीय है और यह Open Learning हमारी सांस्कृतिक विरासत भी है। प्राचीन भारत शिक्षा और ज्ञान का विश्व केंद्र रहा है। पूरी दुनिया हमारी तरफ देखती थी, कि ज्ञान का मतलब भारत, शिक्षा अर्जन करना मतलब भारत। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय, 5वीं शताब्दी से लेकर 13 वीं सदी तक, क्या पहचान थी?

दुनिया का मुख्य शिक्षा का केंद्र, मैं ज्यादा विवेचन नहीं करूंगा।

सोचिए, 13 वीं सदी के बाद बदलाव क्यों आया और अब बदलाव क्यों करवट ले रहा है और हमें कितने गंभीर होने की आवश्यकता है।

तक्षशिला, पाटलीपुत्र, कन्याकुंज, मिथिला, तंजौर आदि की प्रसिद्धि से हम सभी परिचित हैं। आर्यभट्ट और कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, चाणक्य का हर शास्त्र जो ज्ञान का भंडार नहीं हो।

भारत की प्राचीन पद्धति में हमें दो खासियत नजर आती हैं, औपचारिक और अनौपचारिक- आप अनौपचारिक हैं। औपचारिक शिक्षा मंदिर में होती थी, आश्रमों में होती थी, गुरुकुलों के माध्यम से दी जाती थी- ये शिक्षा के केंद्र थे।

आपको बड़ी प्रसन्नता होगी जब भारत के संविधान की मूल प्रति आप देखेंगे। उसमें जो चित्र है, वो गुरुकुल का है। उसमें 22 चित्र हैं, गुरुकुल का है। उसमें Fundamental Rights वाले में भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या आ रहे हैं वो है- तो मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है।

Directive Principles of State Policy: उसमें भगवान श्री कृष्ण, कुरुक्षेत्र में अपना ज्ञान दे रहे हैं। गुरुकुल हमारी औपचारिक शिक्षा का माध्यम था, आश्रम थे, शिक्षा के मंदिर थे पर इसके अलावा परिवार शिक्षा देता था अनौपचारिक, पुरोहित देते थे, पंडित देते थे, सन्यासी देते थे। त्योहारों का प्रसंग आता था तो हम सीखते थे, आज यह काम आप बखूबी कर रहे हैं, संस्थागत तरीके से कर रहे हैं।

I congratulate the School of Open Learning to formalise this informal education in an informal manner.

भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति में हमें अनौपचारिक तथा औपचारिक दोनों प्रकार के शैक्षणिक केन्द्रों का उल्लेख प्राप्त होता है। औपचारिक शिक्षा मन्दिर, आश्रमों और गुरुकुलों के माध्यम से दी जाती थी, ये ही उच्च शिक्षा के केन्द्र भी थे।

 

आपको बड़ी प्रसन्नता होगी जब आप भारत के संविधान की मूल प्रतिलिपि देखेंगे, उसमें जो चित्र है गुरुकुल का है, उसमें 22 चित्र हैं, उसमें fundamental rights वाले में भगवान श्री राम सीता और लक्ष्मण अयोध्या आ रहे हैं, वह है जो मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है। Directive principles of state policy में भगवान श्री कृष्णा कुरुक्षेत्र में अपना ज्ञान दे रहे हैं। गुरुकुल हमारी औपचारिक शिक्षा का माध्यम था। आश्रम के शिक्षा के मंदिर थे, पर इसके अलावा परिवार शिक्षा देता था, अनौपचारिक पुरोहित देते थे, पंडित देते थे, सन्यासी देते थे, त्योहारों का प्रसंग आता था, तो हम सीखते थे। आज यह काम आप बखूबी कर रहे हैं, संस्थागत तरीके से कर रहे हैं। I congratulate the school of open learning to formalise this informal education in an informal manner। अपने अनौपचारिक शिक्षा की व्यवस्था में एक नई सुगंध डाल दी है, इसको जीवंत कर दिया है, और आपने इसको सम्मान पूर्वक कर दिया है, आपने इसे औपचारिक शिक्षा के समक्ष कर दिया है।

परिवार, पुरोहित, पण्डित, सन्यासी और त्यौहार प्रसंग आदि अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम हुआ करते थे। प्राचीन काल से ज्ञान का भंडार है भारत।वेद, उपनिषद, पुराण ,संस्कृत, आयुर्वेद तथा योग आदि विषयों का भारत श्रौत रहा है।

प्रधानमंत्री जी की पहल पर दुनिया भर में योग दिवस मनाया जाता है। जून में, सबसे लंबे दिन में, हमें योग दिवस मनाने का अवसर प्राप्त होता है। प्रधानमंत्री जी ने इस पहल की शुरुआत की, जिससे संयुक्त राष्ट्र संघ में कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों ने योग का अभ्यास किया। हमारी बहुत बड़ी सांस्कृतिक विरासत है "वसुधैव कुटुंबकम"। जब हमने G20 का नेतृत्व किया, तो इसका महत्व क्या था, यह दुनिया को समझ में आ गया कि भारत अलग है। खुशी की बात यह है कि लंबे अंतराल के बाद नालंदा के गौरव का नवीनीकरण हो रहा है। 2047 में, हम विकसित भारत देखेंगे, हम नए बच्चे नहीं रहेंगे। आज का भारत उसी गौरव के रास्ते पर तीव्र गति से अग्रसर है। आज का भारत पूर्ण विकसित होने के लक्ष्य की प्राप्ति की यात्रा पर है। संपूर्ण आहुति 2047 में अवश्य होगी। अति प्रसन्नता की बात है कि आपकी संस्था की यात्रा कारगर हो रही है।

आप उन लोगों को भागीदार कर रहे हैं जो भागीदार होना चाहते थे पर किसी वजह से नहीं हो पाए you have hand held those people who were keen to acquire education they had passion for the education they were in mission mode to acquire it उनका रास्ता नहीं दिख रहा था उनके लिए जो टनल थी रोशनी नहीं दिख रही थी आपने वह रोशनी उनको दिखयी और अब वह देश और दुनिया को रोशनी दिखा रहे हैं।

This institution, beyond the traditional classrooms, is serving over 400,000 students across 17 disciplines.

सबसे बड़ा दान और सबसे बड़ा अधिकार, शिक्षा है। शिक्षा से बड़ा कोई मौलिक अधिकार नहीं हो सकता, और शिक्षदान से बड़ा कोई दान नहीं हो सकता। आज हम भारत में क्या देख रहे हैं? एक अद्भुत परिवर्तन हो रहा है। वह शिक्षा का अधिकार, खास तौर से आपके माध्यम से, जमीनी हकीकत है। कार्यक्रम शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के अनुरूप बनाए गए हैं, और यह उनके सामान्य कार्यक्रम में किसी तरह से बाधक नहीं होते। इससे बड़ी मदद कोई हो नहीं सकती।

Friends, this is a commendable step towards easy access to education, providing opportunities for open learning to a larger segment which is keen but otherwise handicapped. You have removed that handicap, you have overcome, and now it is being on fast track.

इसीलिए मैं कहता हूं आज के दिन इससे बेटर कोई थीम नहीं हो सकती "विकसित भारत के निर्माण में मुक्त शिक्षा कायोगदान,"। It is foundation, it is inalienable, it is integrated into growth.

हमने वह जमाना देखा है, पूछा पढ़े लिखे हो कि नहीं, अंगूठा लगा दो। That angutha culture, अंगूठा अभिशाप खत्म हो गया हैं। जब कोई गलती से कहता है कि अंगूठा लगा दो, तब हमारी माताए और बहनें रहती हैं पेन दे।

शिक्षा उसे ताले की कुंजी है, जिसके माध्यम से प्रगति, समृद्धि और सशक्तिकरण के द्वार खोलती है।

शिक्षा ही तो वह कारण है कि दुनिया के हर कोने में आज, दुनिया की हर बड़ी संस्था में आज भारत का दिमाग काम कर रहा है। नजर फैला कर देखो, यूनाइटेड नेशंस की संस्थाएं देखो, बड़े कॉर्पोरेट के टॉप प्रक्रिया देखो, भारतीय दिमाग का करिश्माई दौर है। आवश्यकता थी कैसे वातावरण की, जिसमें हमारे बच्चे और बच्चियों अपनी प्रतिभा दिखा सकें।

Friends, it is delightful situation that we have today in the country, an ecosystem where every young boy and girl can exploit his or her talent, potential, realize his or her dream aspirations. ऐसा पहले नहीं था, और ऐसा होने के लिए बड़ा क्या था और वह बड़ा बहुत खतरनाक थी। सबसे बड़ी बाधा थी, कुछ लोग औरों से ज्यादा अपने आप को मानते थे। कानून की समानता नहीं थी, equality before law was eluding us through a constitutional right.

लोगों के मन में यह आ गई थी, इनका कानून क्या बिगड़ेगा? हताश हो चुके थे, यह तो कानून से ऊपर है, कानून का शिकंजन तक पहुंच ही नहीं सकता, और उनमें फिर एक दिन भावना आई थी कि हम दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र के नागरिक हैं और हमें यह देखना पड़ रहा है, आज के दिन यह हालत नहीं है, कानून से ऊपर कोई नहीं है।

Everyone is accountable to law, legal premises, and legal processes. और यह आज के दिन जमीनी हकीकत है, one is above law, everyone is accountable to law. यह हमारे youth mind के लिए impressionable मन के लिए गीता के ज्ञान से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।

दूसरा एक हो गया था कि नौकरी opportunities और contracts सिफारिश से ही मिलेगा, सिफारिश का जो सिक्का है, उसका जो दूसरा भाग है, वह है करप्शन, कि बिना भ्रष्टाचार के आपका काम नहीं होगा। हमारे जो संस्थान, the power corridors, they were infested with corrupt elements, power brokers, liaison agents, उनके बिना फाइल आगे नहीं बढ़ती थी, अब तो फाइल ही खत्म हो गई, सब डिस्टर्ब हो गया, power corridors having duly sanitized, even income tax assessment is faceless.

So friends, zero accommodation for corruption. यह new norms हैं। लोक एडजस्ट हो गए थे की हालत कभी नहीं बदलेंगे, पर हालात बदल गए।

तीसरा बड़ा बदलाव जो शिक्षा की वजह से आया है कि हमारे भारत के अर्थव्यवस्था बदल गई। इसमें आम आदमी का योगदान है, आम आदमी का मेहनत और पसीना है। वह तो पहले भी था, बदलाव किया या सकारात्मक नीति सकारात्मक सोच व्यापक हैंड होल्डिंग लोगों को अंदाजा नहीं है। पर ग्रामीण परिपेक्ष में जाकर देखो, मुद्रा स्कीम में क्या कर दिया है, महिला की ताकत देखो, खुद काम करती है, दो को कम दे रही है। कभी सोचा था देश में इतना बड़ा बदलाव आएगा, की जो बैंक अकाउंट खुलवाने से डरते थे, बैंक उनके घर पहुंचा, नतीजा 50 करोड़ लोगों का बैंक अकाउंट खुला।

ऐसे मामले में जो स्वाभाविक रूप से कुछ छूट जाते थे, वह मानते थे कि हमारा तो मौका गया हमारी तो बस छूट गई। उनको मौका आप दे रहे हैं, सबसे महत्वपूर्ण मौका दे रहे हैं। तhat is amazing, outstanding, spectacular achievement. I congratulate the entire team

India is one of the few countries in the world that is focusing on disruptive technologies. 5 से 7 countries हैं, और हमारा देश उसमें शामिल है। Artificial intelligence, Internet of Things, machine learning, blockchain, यहां तक कि 6G के मामले में भी, इसके बड़े commercialisation के अंदर भी, 2025 से 30 तक हम हैं। Quantum computing के अंदर, भारत ने सबसे पहले पहल की। 6000 करोड़ का एक कमिशन बनाया ग्रीन हाइड्रोजन का, 19000 करोड़ का। इसको इसलिए बता रहा हूं कि यह आज के दिन हमारे यंग माइंड के लिए अवसर का अनूठा मौका है।

आपने जो हैंडीकैप्ड लोगों की मदद करी है, they are not physically handicapped, they were not handicapped by their design, passion, and mission. ये एक नई चुनौती देश में है और नई चुनौती है कि हर कोई सरकारी नौकर बनना चाहता है। उसके लिए वह अंधाधुन होकर कंपटीशन के लिए लगा है। वह एक silo में रह रहा है। हर व्यवस्था में सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित होगी। उनको यह नहीं पता है कि आपके पास कितने और मौके हैं, जिससे आप देश और दुनिया को बदल सकते हैं। जब ISRO गया मैं, ISRO ने दुनिया में नाम कमाया है। हम दूसरे देशों के सैटेलाइट स्पेस में डालते हैं, उनमें विकसित देश भी है। वह देश है जो तकनीकी में हमसे आगे है, because we give good value for money, because we have technology.

मैं IIT और IIM का बड़ा सम्मान करता हूं, पर इसरो के अंदर साधारण कॉलेज के बच्चे हैं। इन संस्थानों में से एक भी नहीं है। यहां से संदेश जाना चाहिए छात्र-छात्राओं के लिए विशेष कर, let them not be only in grew of the competitive examination, they can have startups, they can contribute best in economy and in research in innovation in enterprise.

और मैं समझता हूं वह समय दूर नहीं है कि ऐसा होकर रहेगा। नई शिक्षा नीति क्रांतिकारी कदम है। 3 दशक के बाद आया। मैं पश्चिम बंगाल राज्यपाल था, हमसे भी राय गई। Inputs were taken from thousands of people, तब जाकर इसका evolution हुआ।

भारत आज महानता के शिखर की और अग्रसर पर है। निवेश, शिक्षा, पर्यटन, अंतरिक्ष अन्वेषण, और बहुमुखी प्रगति का केंद्र है। बड़े संस्थान पहले हमें चेताते थे, हमें समझते थे कि आपकी अर्थव्यवस्था कैसी है। आज सीखने आते हैं when economy is facing headwinds the terrain is difficult. India's GDP rise among large economy is the highest. Our digital penetration, given our diversity, far from areas, given different dialects, is ahead of developed Nations.

वर्ल्ड बैंक ने तो यहां तक कहा कि भारत ने जो करिश्मा 6 साल में किया है, वह 47 साल में भी संभव नहीं है।

हम सब एक मैराथन मार्च का हिस्सा हैं। हम सब एक महान यज्ञ में आहुति दे रहे हैं। इस मैराथन मार्च और महान यज्ञ में पूर्ण आहुति 2047 में दी जाएगी, जब भारत अपने आजादी का शताब्दी पर्व मना रहा होगा, और तब भारत उसे स्थान पर रहेगा, जिस स्थान पर भारत सदियों तक सदियों पहले रहा था।