Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

Hindi Articles

6/recent/ticker-posts

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के एक महान कवि और लेखक Suryakant Tripathi Nirala

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के एक महान कवि और लेखक थे, जिन्हें छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है ¹। उनका जन्म 21 फरवरी, 1899 को बंगाल की महिषादल रियासत में हुआ था और उनका असली नाम सुर्जकुमार था, जिसे बाद में बदलकर सूर्यकान्त त्रिपाठी कर दिया गया ¹।
निराला का जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण था। उनकी माता का निधन तीन वर्ष की आयु में हो गया और पिता का निधन बीस वर्ष की आयु में हो गया ¹। इसके बाद, उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाली और महिषादल राज्य में नौकरी की ¹। बाद में, उन्होंने संपादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य की ओर प्रवृत्त हुए ¹।

निराला की पहली कविता 'जन्मभूमि' 1920 में प्रभा नामक मासिक पत्र में प्रकाशित हुई थी और उनका पहला कविता संग्रह 'अनामिका' 1923 में प्रकाशित हुआ था ¹। उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया ¹। वे हिंदी में मुक्तछन्द के प्रवर्तक भी माने जाते हैं ¹।

*निराला की प्रमुख रचनाएं:*

- __अनामिका__ (1923)
- __परिमल__ (1930)
- __गीतिका__ (1936)
- __सरोज स्मृति__
- __राम की शक्तिपूजा__
- __अप्सरा__ (उपन्यास, 1931)
- __अलका__ (उपन्यास, 1933)
- __प्रभावती__ (उपन्यास, 1936)

निराला का निधन 15 अक्टूबर, 1961 को इलाहाबाद में हुआ था ¹। उनकी विरासत आज भी हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।