साहित्य संहिता पत्रिका, जो हिंदी साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में एक प्रमुख प्लेटफार्म है, अब पेपर प्रकाशन के लिए कॉल जारी कर रहा है। दुनिया भर के शोधकर्ताओं, लेखकों और शिक्षाविदों को हिंदी भाषा में अपने शोध पत्र, लेख, निबंध और आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
साहित्य संहिता का उद्देश्य हिंदी साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विविधता को बढ़ावा देना है, और यह कॉल हिंदी अध्ययन और भारतीय साहित्य के बढ़ते क्षेत्र में योगदान देने का एक शानदार अवसर है।
इस लेख में हम आपको पत्रिका के उद्देश्य, आवश्यक विषयों, और पेपर सबमिट करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आप अपना पेपर सफलतापूर्वक प्रकाशित करा सकें।
साहित्य संहिता पत्रिका के बारे में
साहित्य संहिता पत्रिका एक प्रतिष्ठित, सहकर्मी-समीक्षित (peer-reviewed) शैक्षणिक पत्रिका है जो हिंदी साहित्य, भाषा और सांस्कृतिक प्रथाओं के अध्ययन और विश्लेषण पर केंद्रित है। यह पत्रिका विशेष रूप से हिंदी साहित्य और संस्कृति पर आधारित शोध, लेख और विचार प्रस्तुत करने का एक मंच प्रदान करती है।
इसका उद्देश्य हिंदी साहित्य की विविध धाराओं और साहित्यिक विचारों को प्रस्तुत करना है और साहित्यिक आलोचना, रचनात्मक लेखन, भाषा विज्ञान, और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्रों में नया दृष्टिकोण प्रदान करना है। साहित्य, समाज और संस्कृति के बीच अंतर्संबंधों का विश्लेषण करने और हिंदी को एक सशक्त अकादमिक और साहित्यिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए यह पत्रिका समर्पित है।
साहित्य संहिता पत्रिका में अपना पेपर क्यों प्रकाशित करें?
हिंदी साहित्य का मंच: साहित्य संहिता हिंदी साहित्य और भाषा से संबंधित काम प्रस्तुत करने के लिए एक विशेष मंच प्रदान करती है। यदि आप हिंदी साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं, तो यह पत्रिका आपके शोध और विचारों को व्यापक पाठकों तक पहुँचाने का एक आदर्श स्थान है।
वैश्विक पहुँच: इस पत्रिका का वैश्विक पाठक वर्ग है, जिसमें शोधकर्ता, छात्र, भाषा प्रेमी और साहित्यिक आलोचक शामिल हैं। साहित्य संहिता में प्रकाशित होने से आपके काम को एक वैश्विक मंच मिलता है।
हिंदी अध्ययन को बढ़ावा दें: हिंदी साहित्य और भाषा के क्षेत्र में योगदान करने का यह एक अच्छा अवसर है। आपके शोध से हिंदी साहित्य के विकास और बोध में वृद्धि हो सकती है।
अकादमिक प्रोफाइल को बेहतर बनाएं: साहित्य संहिता जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित होने से आपके अकादमिक और साहित्यिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
अंतरविषयक दृष्टिकोण: यदि आपका काम हिंदी साहित्य को अन्य विषयों जैसे इतिहास, सामाजिक विज्ञान, भाषाविज्ञान, या सांस्कृतिक अध्ययन से जोड़ता है, तो इसे यहाँ प्रकाशित करने के लिए स्वागत किया जाएगा।
सहकर्मी-समीक्षित प्रकाशन: सभी प्रस्तुतियाँ सहकर्मी-समीक्षा (peer-review) प्रक्रिया से गुजरती हैं, जिससे आपके पेपर की गुणवत्ता और अकादमिक मानक सुनिश्चित होते हैं।
पेपर सबमिशन के लिए आवश्यक विषय और थीम
साहित्य संहिता पत्रिका हिंदी साहित्य और भाषा से संबंधित विभिन्न प्रकार के शोध पत्र, निबंध और आलेखों का स्वागत करती है। निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया जाता है:
हिंदी साहित्य और साहित्यिक आलोचना
- हिंदी साहित्य का इतिहास और विकास
- हिंदी साहित्य में साहित्यिक आंदोलनों का विकास
- हिंदी साहित्य के क्लासिक और आधुनिक रूपों पर आलोचना
- हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में सामान्य साहित्यिक अध्ययन
- पोस्ट-कोलोनियल हिंदी साहित्य
- प्रसिद्ध हिंदी लेखकों और कवियों का अध्ययन (जैसे प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, धूमिल, आदि)
रचनात्मक लेखन और कविता
- हिंदी कविता और इसके रूप (जैसे नज़्म, दोहे, गीत, कविता)
- हिंदी में रचनात्मक लेखन – उपन्यास, लघु कथाएँ, निबंध
- कविता का विश्लेषण और साहित्यिक उपकरण
- समकालीन हिंदी लेखन के सामाजिक और राजनीतिक विषय
भाषा और भाषाविज्ञान
- हिंदी भाषा का विकास
- हिंदी के सामाजिक भाषाविज्ञान पर शोध
- भारतीय समाज और संस्कृति में हिंदी भाषा की भूमिका
- आधुनिक हिंदी पर अंग्रेजी और अन्य भाषाओं का प्रभाव
- हिंदी की बोलियों का साहित्यिक महत्व (जैसे भोजपुरी, अवधी, बुंदेली)
सांस्कृतिक अध्ययन
- हिंदी साहित्य और संस्कृति: भारतीय समाज की प्रतिनिधित्व
- हिंदी साहित्य में सांस्कृतिक पहचान
- हिंदी साहित्य में लिंग, जाति, और वर्ग का चित्रण
- हिंदी साहित्य में लोककथा और पौराणिक कथाएँ
- हिंदी सिनेमा (बॉलीवुड) का साहित्य और संस्कृति पर प्रभाव
डिजिटल युग में हिंदी
- हिंदी भाषा पर तकनीकी प्रभाव
- ऑनलाइन साहित्य और हिंदी साहित्य की बदलती धारा
- सोशल मीडिया और हिंदी लेखन का परस्पर संबंध
- अनुवाद अध्ययन: हिंदी साहित्य का अनुवाद
हिंदी में अनुवाद और बहुभाषिक साहित्य
- हिंदी अनुवाद: विश्व साहित्य का हिंदी में अनुवाद
- हिंदी साहित्य का अन्य भाषाओं में अनुवाद
- भारतीय साहित्य में बहुभाषिकता का प्रभाव
- अनुवाद में चुनौतियाँ और अवसर
पेपर सबमिशन के लिए दिशा-निर्देश
साहित्य संहिता पत्रिका में अपने पेपर को सफलतापूर्वक प्रकाशित करने के लिए, निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करें:
मूलता और अनन्यता:
- सबमिट किया गया पेपर मूल होना चाहिए और पहले कहीं और प्रकाशित न किया गया हो।
- पेपर अन्य पत्रिकाओं में समीक्षा या प्रकाशन के लिए प्रस्तुत न हो।
भाषा:
- सभी लेख हिंदी में होने चाहिए। उचित हिंदी व्याकरण और शैली का प्रयोग करें।
लेख की लंबाई:
- लेख की आदर्श लंबाई 3,000 से 6,000 शब्द (संदर्भ और फुटनोट्स को छोड़कर) होनी चाहिए।
- रचनात्मक लेख जैसे कविता और कहानियाँ 5-10 पृष्ठों के बीच होनी चाहिए।
फॉर्मेटिंग:
- Arial Unicode MS या अन्य Unicode फोंट का उपयोग करें।
- फॉन्ट साइज 12 और शीर्षकों के लिए 14 रखें।
- 1.5-line spacing और 1-inch margins रखें।
- संदर्भों के लिए फुटनोट या एंडनोट का उपयोग करें, इन-टेक्स्ट उद्धरण से बचें।
संदर्भ और उद्धरण:
- सभी संदर्भों और शोध पत्रों का उचित उद्धरण दें। APA, MLA, या Chicago Style में संदर्भ देने की अनुशंसा की जाती है।
संक्षिप्त सारांश:
- सभी पेपर्स के साथ संक्षिप्त सारांश (150-250 शब्द) हिंदी और अंग्रेजी दोनों में होना चाहिए।
लेखक का परिचय:
- पेपर के अंत में लेखक का संक्षिप्त परिचय (50-100 शब्दों में) दें। इसमें आपकी शैक्षणिक योग्यता और क्षेत्रीय विशेषज्ञता का उल्लेख करें।
सबमिशन प्रक्रिया:
- अपने पेपर को ऑनलाइन सबमिशन सिस्टम के माध्यम से प्रस्तुत करें। वेबसाइट: www.sahityasamhita.org